मुक्तास्फोट: स्त्रियां शुक्तिः शङ्खः स्यात्कम्बुरस्त्रियौ । क्षुद्रशङ्खाः शङ्खनखाः शम्बूका जलशुक्तयः ॥ २३ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | मुक्तास्फोट | मुक्तास्फोटः | पुंलिङ्गः | मुक्ताः स्फुटन्त्यत्र । | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
2 | शुक्ति | शुक्तिः | स्त्रीलिङ्गः | शुच्यति, शोचति, शोकति, वा । | क्तिच् | कृत् | इकारान्तः |
3 | शङ्ख | शङ्खः | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | शं खनति जनयति । | ङः | कृत् | अकारान्तः |
4 | कम्बु | कम्बुः | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | काम्यते । | उणादिः | उकारान्तः | |
5 | क्षुद्रशङ्ख | क्षुद्रशङ्खाः | पुंलिङ्गः | क्षुद्राश्च ते शङ्खाश्च ॥ | समासः | अकारान्तः | |
6 | शङ्खनक | शङ्खनकाः | पुंलिङ्गः | शं खनन्ति । | युच् | कृत् | अकारान्तः |
7 | शम्बूक | शम्बूकः | पुंलिङ्गः, स्त्रीलिङ्गः | शाम्यति । | बुक् | उणादिः | अकारान्तः |
8 | जलशुक्ति | जलशुक्तिः | स्त्रीलिङ्गः | जलजाः शुक्तयः ॥ | इकारान्तः |