सहस्रपत्त्रं कमलं शतपत्त्रं कुशेशयम् । पङ्केरुहं तामरसं सारसं सरसीरुहम् ॥ ४० ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | सहस्रपत्र | सहस्रपत्रम् | नपुंसकलिङ्गः | सहस्रं पत्त्राण्यस्य । | अकारान्तः | ||
2 | कमल | कमलम् | नपुंसकलिङ्गः | कं जलमलति । | कः | कृत् | अकारान्तः |
3 | शतपत्त्र | शतपत्त्रम् | नपुंसकलिङ्गः | शतं पत्राण्यस्य । | अकारान्तः | ||
4 | कुशेशय | कुशेशयम् | नपुंसकलिङ्गः | कुशे जले शेते । | अच् | कृत् | अकारान्तः |
5 | पङ्केरुह | पङ्केरुहम् | नपुंसकलिङ्गः | पङ्के रोहति । | कः | कृत् | अकारान्तः |
6 | तामरस | तामरसम् | नपुंसकलिङ्गः | तत्र सस्ति । | डः | कृत् | अकारान्तः |
7 | सारस | सारसम् | नपुंसकलिङ्गः | सरसि भवम् । | अण् | तद्धितः | अकारान्तः |
8 | सरसीरुह | सरसीरुहम् | नपुंसकलिङ्गः | सरस्यां रोहति । | कः | कृत् | अकारान्तः |