समन्वितलयस्त्वेकताल: वीणा तु वल्लकी । विपञ्ची सा तु तन्त्रीभिः सप्तभिः परिवादिनी ॥ ३ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | एकताल | एकतालः | पुंलिङ्गः | एकः समस्तालो मानमस्येत्येकतालः | समासः | अकारान्तः | |
2 | वीणा | वीणा | स्त्रीलिङ्गः | वेति जायते स्वरोऽस्याम् । | न | उणादिः | आकारान्तः |
3 | वल्लकी | वल्लकी | स्त्रीलिङ्गः | वल्लते । | क्वुन् | उणादिः | ईकारान्तः |
4 | विपञ्ची | विपञ्ची | स्त्रीलिङ्गः | विपञ्चयति विस्तारयति शब्दम् । | अच् | कृत् | ईकारान्तः |
5 | परिवादिनी | परिवादिनी | स्त्रीलिङ्गः | सैव सप्तभिस्तन्त्रीभिरुपलक्षिता परिवदति स्वरान् । | णिनिः | कृत् | ईकारान्तः |