स्याच्चिन्ता स्मृतिराध्यानमुत्कण्ठोत्कलिके समे । उत्साहोऽध्यवसाय: स्यात् सवीर्यमतिशक्तिभाक् ॥ २९ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
---|---|---|---|---|---|---|---|
1 | चिन्ता | चिन्ता | स्त्रीलिङ्गः | चिन्तनम् । | अङ् | कृत् | आकारान्तः |
2 | स्मृति | स्मृतिः | स्त्रीलिङ्गः | स्मरणम् । | क्तिन् | कॄदन्तः | इकारान्तः |
3 | आध्यान | आध्यानम् | नपुंसकलिङ्गः | ल्युट् | कृत् | अकारान्तः | |
4 | उत्कण्ठा | उत्कण्ठा | स्त्रीलिङ्गः | उत्कण्ठनम् । | अः | कृत् | आकारान्तः |
5 | उत्कलिका | उत्कलिका | स्त्रीलिङ्गः | क्वुन् | उणादिः | आकारान्तः | |
6 | उत्साह | उत्साहः | पुंलिङ्गः | उत्सहनम् । | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
7 | अध्यवसाय | अध्यवसायः | पुंलिङ्गः | अध्यवसानम् । | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
8 | वीर्य | वीर्यम् | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | यत् | तद्धितः | अकारान्तः |