भगिनीपतिरावुत्तो भावो विद्वानथावुक: । जनको युवराजस्तु कुमारो भर्तृदारकः ॥ १२ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | आवुत्त | आवुत्तः | पुंलिङ्गः | भगिनीति । | क्विप् | कृत् | अकारान्तः |
2 | भाव | भावः | पुंलिङ्गः | वयति परिभावयति । | अच् | कृत् | अकारान्तः |
3 | आवुक | आवुकः | पुंलिङ्गः | अवति । | अण् | बाहुलकात् | अकारान्तः |
4 | युवराज | युवराजः | अकारान्तः | ||||
5 | कुमार | कुमार | पुंलिङ्गः | कुमारयति । | अच् | कृत् | अकारान्तः |
6 | भर्तृदारक | भर्तृदारक | पुंलिङ्गः | भर्तू राज्ञो दारकः । | ण्वुल् | कृत् | अकारान्तः |