शिक्षेत्यादि श्रुतेरङ्गमोङ्कारप्रणवौ समौ । इतिहासः पुरावृत्तमुदात्ताद्यास्त्रयः स्वरा: ॥ ४ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | शिक्षा | शिक्षा | स्त्रीलिङ्गः | श्रुतेर्वेदस्य शिक्षेत्याद्यङ्गम् । | अ | कृत् | आकारान्तः |
2 | ओङ्कार | ओङ्कारः | पुंलिङ्गः | अवति । | मन् | उणादिः | अकारान्तः |
3 | प्रणव | प्रणवः | पुंलिङ्गः | प्रणूयते स्तूयते । | अप् | कृत् | अकारान्तः |
4 | इतिहास | इतिहासः | पुंलिङ्गः | घञ् | कृत् | अकारान्तः | |
5 | पुरावृत्त | पुरावृत्तम् | नपुंसकलिङ्गः | पुरावृत्तमाचष्टे पुरावृत्तम् । | अकारान्तः | ||
6 | उदात्त | स्वरः | पुंलिङ्गः | अकारान्तः |