भावुकं भविकं भव्यं कुशलं क्षेममस्त्रियाम् । शस्तं चाथ त्रिषु द्रव्ये पापं पुण्यं सुखादि च ॥ २६ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | भावुक | भावुकम् | नपुंसकलिङ्गः | भवनशीलम् । | उकञ् | कृत् | अकारान्तः |
2 | भविक | भविकम् | नपुंसकलिङ्गः | भवो भद्राप्तिरत्रास्ति । | ठन् | तद्धितः | अकारान्तः |
3 | भव्य | भव्यम् | नपुंसकलिङ्गः | भवति । | यत् | कृत् | अकारान्तः |
4 | कुशल | कुशलम् | नपुंसकलिङ्गः | कुत्सितं शलते संवृणोति । | अच् | कृत् | अकारान्तः |
5 | क्षेम | क्षेमम् | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | क्षयत्यशुभम् । | मन् | उणादिः | अकारान्तः |
6 | शस्त | शस्तम् | नपुंसकलिङ्गः | शस्यते स्म । | क्त | कृत् | अकारान्तः |