स्याद्धर्ममस्त्रियां पुण्यश्रेयसी सुकृतं वृष: । मुत्प्रीतिः प्रमदो हर्षप्रमोदामोदसंमदाः ॥ २४ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | धर्म | धर्मः | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | धरति विश्वम् । | मन् | उणादिः | अकारान्तः |
2 | पुण्य | पुण्यम् | नपुंसकलिङ्गः | पुनाति । | यत् | उणादिः | अकारान्तः |
3 | श्रेयस् | श्रेयः | नपुंसकलिङ्गः | अतिशयेन प्रशस्यम् । | ईयसुन् | तद्धितः | सकारान्तः |
4 | सुकृत | सुकृतम् | नपुंसकलिङ्गः | सुष्टु कृतम् । | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः |
5 | वृष | वृषः | पुंलिङ्गः | वर्षति फलम् । | क | कृत् | अकारान्तः |
6 | मुद् | मुद् | स्त्रीलिङ्गः | मोदनम् । | क्विप् | कृत् | दकारान्तः |
7 | प्रीति | प्रीतिः | स्त्रीलिङ्गः | क्तिन् | कृत् | इकारान्तः | |
8 | प्रमद | प्रमदः | पुंलिङ्गः | अप् | कृत् | अकारान्तः | |
9 | हर्ष | हर्षः | पुंलिङ्गः | घञ् | कृत् | अकारान्तः | |
10 | प्रमोद | प्रमोदः | पुंलिङ्गः | प्रमोदामोदौ घञन्तौ । | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
11 | आमोद | आमोदः | पुंलिङ्गः | प्रमोदामोदौ घञन्तौ । | घञ् | कृत् | अकारान्तः |
12 | संमद | संमदः | पुंलिङ्गः | अप् | कृत् | अकारान्तः |