प्रकृतिप्रत्ययाद्यर्थाद्यैः सङ्कीर्णे लिङ्गमुन्नयेत् । कर्म क्रिया तत्सातत्ये गम्ये स्युरपरस्पराः ॥ १ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | कर्म | कर्मम् | नपुंसकलिङ्गः | क्रियते | मनिन् | उणादिः | अकारान्तः |
2 | क्रिया | क्रिया | स्त्रीलिङ्गः | शच | कृत् | आकारान्तः | |
3 | अपरस्पर | अपरस्परः | पुंलिङ्गः, स्त्रीलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | अपरे चपरेच | द्वन्द्वः | समासः | अकारान्तः |