दरी तु कन्दरो वा स्त्री देवखातबिले गुहा । गह्वरं गण्डशैलास्तु च्युताः स्थूलोपला गिरेः ॥ ६ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | दरी | दरी | स्त्रीलिङ्गः | दृणाति । | अच् | कृत् | ईकारान्तः |
2 | कन्दर | कन्दरः | पुंलिङ्गः, स्त्रीलिङ्गः | कं जलम् । तेन दीर्यते । | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः |
3 | बिल | बिलः | पुंलिङ्गः | अकारान्तः | |||
4 | गुहा | गुहा | स्त्रीलिङ्गः | गूहति । | क | कृत् | आकारान्तः |
5 | गह्वर | गह्वरम् | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | गाह्यते । | ष्वरच् | उणादिः | अकारान्तः |
6 | गण्डशैल | गण्डशैलाः | पुंलिङ्गः | गण्ड इव शैलाः । | अकारान्तः |