सैन्धवोऽस्त्री शीतशिवं माणिमन्थं च सिन्धुजे । रौमकं वसुकं पाक्यं विडं च कृतके द्वयम् ॥ ४२ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | सैन्धव | सैन्धवः | पुंलिङ्गः, नपुंसकलिङ्गः | सिन्धुषु भवः । | अण् | तद्धितः | अकारान्तः |
2 | शीतशिव | शीतशिवम् | नपुंसकलिङ्गः | शीतं च तच्छिवं च । | तत्पुरुषः | समासः | अकारान्तः |
3 | माणिमन्थ | माणिमन्थम् | नपुंसकलिङ्गः | मणिबन्धाख्यपर्वते भवम् । | अण् | तद्धितः | अकारान्तः |
4 | सिन्धुज | सिन्धुजम् | नपुंसकलिङ्गः | सिन्धुषु जातम् । | ड | कृत् | अकारान्तः |
5 | रौमक | रौमकम् | नपुंसकलिङ्गः | रुमायां भवम् । | अण् | कृत् | अकारान्तः |
6 | वसुक | वसुकम् | नपुंसकलिङ्गः | वसु कायति । | क | कृत् | अकारान्तः |
7 | पाक्य | पाक्यम् | नपुंसकलिङ्गः | पच्यते । | ण्यत् | कृत् | अकारान्तः |
9 | विड | विडम् | नपुंसकलिङ्गः | विडति । | क | कृत् | अकारान्तः |