कौतूहलं कौतुकं च कुतुकं च कुतूहलम् । स्त्रीणां विलासविव्वोकविभ्रमा ललितं तथा ॥ ३१ ॥
शब्दसङ्ख्या | प्रातिपदिकम् | प्रथमान्तःशब्दः | लिङ्गम् | व्युत्पत्तिः | प्रत्ययः/ समासनाम | वृत्तिः/शब्दप्रकारः | किमन्तः शब्दः |
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1 | कौतूहल | कौतूहलम् | नपुंसकलिङ्गः | कुतूं चर्मनिर्मितस्नेहपात्रं हलति । | अण् | तद्धितः | अकारान्तः |
2 | कौतुक | कौतुकम् | नपुंसकलिङ्गः | अकारान्तः | |||
3 | कुतुक | कुतुकम् | नपुंसकलिङ्गः | कुतूं कायति । | उपपदसमासः | समासः | अकारान्तः |
4 | कुतूहल | कुतूहलम् | नपुंसकलिङ्गः | कुतूं कायति । | उपपदसमासः | समासः | अकारान्तः |
5 | विलास | विलासः | विलसनम् । | घञ् | कृत् | अकारान्तः | |
6 | विव्वोक | विव्वोकः | विवानम् । | कुः | उणादिः | अकारान्तः | |
7 | विभ्रम | विभ्रमः | विभ्रमणम् । | घञ् | कृत् | अकारान्तः | |
8 | ललित | ललितम् | क्तः | कृत् | अकारान्तः |